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सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई 🦢🛡️
भुवनेश्वर, ओडिशा: सर्दियों का मौसम शुरू होते ही एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की झील चिल्का झील में प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है। हर साल की तरह इस बार भी हजारों किलोमीटर का सफर तय करके ये विदेशी मेहमान ठंड बिताने के लिए चिल्का पहुंचने लगे हैं। चिल्का झील इन प्रवासी पक्षियों के लिए एक सुरक्षित और अनुकूल घर बन चुका है, जो यहां के नम और समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र से आकर्षित होते हैं। पिछले साल यहां पर 11 लाख 30 हजार से अधिक पक्षियों की रिकॉर्ड संख्या दर्ज की गई थी।
प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग और चिल्का विकास प्राधिकरण (CDA) ने झील के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को काफी कड़ा कर दिया है। पक्षियों के शिकार और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए विशेष गश्ती दल तैनात किए गए हैं, जो दिन-रात निगरानी करेंगे। झील के संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती की गई है और नावों से नियमित गश्त की जा रही है। वन अधिकारियों का लक्ष्य है कि इस वर्ष पक्षियों को पिछले वर्ष से भी बेहतर और सुरक्षित पर्यावरण प्रदान किया जाए।
साइबेरिया, कैस्पियन सागर, बैकाल झील और अन्य देशों से आने वाले ये हजारों पक्षियों की किस्में चिल्का की जैव-विविधता को और समृद्ध बनाती हैं। इन पक्षियों के आगमन से स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है, जिससे आसपास के इलाकों में रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। वन विभाग ने पर्यटकों और स्थानीय मछुआरों से भी पक्षियों की सुरक्षा में सहयोग करने की अपील की है। चिल्का झील एक बार फिर विश्व मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण प्रवासी पक्षी स्थल के रूप में अपनी पहचान पुख्ता कर रहा है।