representation image
अपहरणकर्ताओं ने दी जान से मारने की धमकी, पुलिस ने बचाई जिंदगी
23 नवंबर की रात परिवार खुशियों में डूबा हुआ था। शादी की रोशनी में हर कोई मुस्कुरा रहा था। तभी अचानक एक फोन ने माहौल बदल दिया। पिता के हाथ कांपने लगे। बेटे सुमित की आवाज डर से भरी थी। चार लोगों ने उसे अगवा कर लिया था। उसके शब्द लड़खड़ा रहे थे। पिता की आंखों में आंसू भर आए। पूरा परिवार सदमे में चला गया। दहशत हर तरफ फैल गई। रात जैसे थम गई।
अपराधियों ने पैसे की मांग की। धमकी बहुत कठोर थी। पिता ने हार नहीं मानी। साहस जुटाकर पुलिस से संपर्क किया। एसएसपी ने तत्काल टीम बनाई। पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया। “हम आपके बेटे को घर लाएंगे” यह वाक्य उम्मीद बना। पुलिस ने बैठकर रणनीति बनाई। तकनीकी टीम रातभर जागी। लोकेशन को ट्रैक किया गया। जांच बढ़ाई गई। टीम तेजी से आगे बढ़ी। विश्वास धीरे-धीरे लौटने लगा।
आखिरकार खोज सफल हुई। सुमित सुरक्षित मिला। पिता ने उसे गले से लगाया। आँसू खुशी में बदल गए। अपराधी पकड़े जा चुके थे। पुलिस ने न केवल जान बचाई बल्कि उम्मीद भी। समाज ने राहत की सांस ली। अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। पुलिस का मनोबल ऊँचा हुआ। यह कहानी साहस और उम्मीद का प्रतीक बन गई। रांची ने पुलिस की जीत का सम्मान किया।