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जनजातीय गौरव वर्ष में प्रेरणा, एकता और सम्मान की पुकार दिखाई दी
रांची में आज सीसीएल का परिसर एक बड़े सामाजिक संदेश का केंद्र बना। जनजातीय गौरव वर्ष पर बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाते हुए अधिकारियों ने कहा कि अस्मिता की रक्षा हर समाज का कर्तव्य है। प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर समारोह की शुरुआत की गई। सीएमडी निलेंदु कुमार सिंह और अन्य पदाधिकारियों की उपस्थिति इस बात का प्रतीक थी कि संगठन इतिहास का सम्मान करता है। आदिवासी समाज के कई लोग भी कार्यक्रम में शामिल हुए। यह सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि संवाद का माध्यम रहा।
दूसरे चरण में वक्ताओं ने सवाल उठाए कि क्या समाज आज भी बिरसा मुंडा के संदेश को समझ रहा है। उन्होंने कहा कि जल-जंगल-जमीन सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि पहचान का आधार हैं। कार्यक्रम में आदिवासी परंपराओं की प्रस्तुति ने वातावरण को जीवंत बनाया। कई वक्ताओं ने चिंता जताई कि आधुनिक दौड़ में मूल्यों को बचाना चुनौती बन गया है। युवाओं ने उन्हें परिवर्तन का प्रतीक बताया। आयोजन में कहा गया कि उनके आदर्श वर्तमान नीतियों में भी प्रासंगिक हो सकते हैं। समाज को व्यापक दृष्टि अपनाने की अपील की गई।
अंत में प्रबंधन ने tribal welfare पर जोर दिया। कार्यक्रम ने याद दिलाया कि विरासत तभी सुरक्षित रहती है जब उसे व्यवहार में अपनाया जाए। प्रतिभागियों ने कार्यक्रम को शानदार बताया। आयोजन ने संगठन और समाज दोनों के लिए एक संदेश छोड़ा। लोग धीरे-धीरे प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करते चले गए। कार्यक्रम विचार और भावनाओं का संगम बन कर समाप्त हुआ।