
kerela high court
कोच्चि, केरल: केरल उच्च न्यायालय ने राज्य के संवेदनशील पहाड़ी इलाकों में एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने इस महत्वपूर्ण फैसले पर जोर देते हुए कहा कि राज्य सरकार को अपने प्लास्टिक प्रतिबंध आदेश को कड़ाई से और प्रभावी ढंग से लागू करना चाहिए। यह कदम केरल के प्राकृतिक सौंदर्य और नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र को प्लास्टिक प्रदूषण से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
यह प्रतिबंध पहाड़ी पारिस्थितिकी तंत्र की नाजुकता और बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण के खतरे को देखते हुए लगाया गया है। प्लास्टिक कचरा न केवल मिट्टी और जल निकायों को दूषित करता है, जिससे वनस्पतियों और जीवों को नुकसान पहुंचता है, बल्कि यह वन्यजीवों के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करता है। न्यायालय ने महसूस किया कि केवल आदेश जारी करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसके प्रभावी क्रियान्वयन की भी उतनी ही आवश्यकता है ताकि पहाड़ों को प्लास्टिक मुक्त रखा जा सके और उनकी प्राकृतिक सुंदरता अक्षुण्ण बनी रहे।
उच्च न्यायालय के इस आदेश के बाद, पहाड़ी क्षेत्रों में प्लास्टिक की बोतलों, थैलियों, स्ट्रॉ, कटलरी और अन्य एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित हो जाएगा। राज्य सरकार को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि पर्यटकों और स्थानीय निवासियों द्वारा इन नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए और उल्लंघन करने वालों पर उचित कार्रवाई की जाए। इस फैसले का उद्देश्य केरल के सुंदर पहाड़ी स्थलों को स्वच्छ और हरा-भरा बनाए रखना है, जो पर्यावरण पर्यटन के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। यह निर्णय अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल कायम कर सकता है।