
वे भारत के पहले नागरिक (सिविलियन) हैं, जिन्हें फाइटर जेट उड़ाने का लाइसेंस प्राप्त हुआ। यह उपलब्धि उन्होंने 19 साल पहले इंग्लैंड में हासिल की थी।
कौन हैं निरुप महांती?
निवास: जमशेदपुर के बिस्टुपुर सर्किट हाउस क्षेत्र में रहते हैं।
करियर: टाटा स्टील में वरिष्ठ अधिकारी के रूप में कार्य किया।
राजनीति: सेवानिवृत्ति के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के टिकट पर जमशेदपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन राजनीति उन्हें रास नहीं आई।
संगीत प्रेम: वे गिटार बजाने के शौकीन हैं और संगीत से खास लगाव रखते हैं।
कैसे बने भारत के पहले सिविलियन फाइटर जेट पायलट?
निरुप महांती का बचपन से सपना था कि वे पायलट बनें।
इंग्लैंड में उन्होंने विशेष ट्रेनिंग प्राप्त कर फाइटर जेट उड़ाने का लाइसेंस प्राप्त किया।
यह भारत के किसी भी आम नागरिक के लिए पहली बार संभव हुआ।
उनकी प्रेरणादायक यात्रा
टाटा स्टील में सफल करियर के बाद भी उन्होंने अपने सपने को नहीं छोड़ा।
राजनीति में हाथ आजमाया, लेकिन जल्द ही इससे दूरी बना ली।
वे नए अनुभवों को अपनाने और अपनी रुचियों को जीने में विश्वास रखते हैं।
उनकी उपलब्धि से प्रेरणा
उम्र कभी सपनों की सीमा नहीं बन सकती।
निरुप महांती की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है कि अगर जज़्बा हो, तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है।