अमेरिका में तूफान और बवंडर का कहर, 39 लोगों की मौत.
टायलरटाउन: अमेरिका में आए खतरनाक तूफान ने विनाशकारी हालात पैदा कर दिए, जिसमें कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घर व व्यापारिक प्रतिष्ठान नष्ट हो गए।

सोमवार को कमजोर होते तूफान का असर अमेरिका के दक्षिण-पूर्व और मिड-अटलांटिक क्षेत्र में भी देखने को मिला, जहां तेज हवाएं, ओले और संभावित बवंडर की चेतावनी जारी की गई।
सोमवार का पूर्वानुमान
फ्लोरिडा से लेकर न्यू जर्सी तक तेज हवाओं का खतरा बताया गया, जबकि न्यूयॉर्क और न्यू इंग्लैंड में भारी बारिश की संभावना जताई गई।
नेशनल वेदर सर्विस के अनुसार, नॉर्थ कैरोलिना और वर्जीनिया में 70 मील प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और पिंग पोंग बॉल के आकार के ओले गिरने का खतरा था।
कई राज्यों में बवंडर का कहर
मिसिसिपी के टायलरटाउन में बवंडर ने सैकड़ों पेड़ों को दो हिस्सों में तोड़ दिया और कई घर पूरी तरह नष्ट हो गए।
गवर्नर टेट रीव्स ने बताया कि इस हादसे में छह लोगों की मौत हुई और 200 से अधिक लोग बेघर हो गए।
मिसौरी के वेन काउंटी में डकोटा हेंडरसन ने बताया कि उनकी चाची के घर के मलबे में पांच शव मिले।
वाइल्डफायर और डस्ट स्टॉर्म का कहर
टेक्सास और ओक्लाहोमा में आग ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई, जिसमें ओक्लाहोमा में 130 से अधिक आग की घटनाएं दर्ज की गईं और लगभग 400 घर जलकर खाक हो गए।
ओक्लाहोमा के स्टिलवॉटर के फायर चीफ टेरी एसरी ने कहा कि 70 मील प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं में आग बुझाना संभव नहीं था।
ओक्लाहोमा में दो लोगों की मौत हुई, जबकि टेक्सास पैनहैंडल के अमरिलो में डस्ट स्टॉर्म के कारण तीन लोगों की मौत हो गई।
कैनसस के हाईवे पर हुए हादसे में कम से कम 50 वाहन आपस में टकरा गए, जिससे आठ लोगों की जान चली गई।
शरण और राहत कार्य
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि व्हाइट हाउस स्थिति पर नजर बनाए हुए है और राज्य तथा स्थानीय अधिकारियों को हरसंभव सहायता प्रदान करेगा।
ट्रंप ने बताया कि आर्कन्सास में राहत कार्य के लिए नेशनल गार्ड तैनात किए गए हैं, जहां तीन मौतें हुईं।
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “कृपया मेलानिया और मुझे इन भयानक तूफानों से प्रभावित लोगों के लिए प्रार्थना में शामिल करें।”
अलबामा में तीन लोगों की मौत हुई, जिनमें एक 82 वर्षीय महिला भी शामिल थी।
ट्रॉय, अलबामा में तूफान से क्षतिग्रस्त हुए रिक्रिएशन सेंटर को खाली कराना पड़ा, जहां 200 से अधिक लोगों ने शरण ली थी।