इमरान खान का बयान: ‘देश में स्थिरता के लिए जनता के भरोसे पर आधारित सरकार जरूरी’
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि देश में तब तक स्थिरता संभव नहीं है, जब तक कि जनता के विश्वास पर आधारित सरकार पूरे देश में, खासकर बलूचिस्तान में, स्थापित नहीं होती।

लाहौर: इमरान खान ने बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा, “सैन्य अभियानों से कभी भी समस्याओं का समाधान नहीं होता। बड़े युद्ध भी बातचीत और शांति प्रयासों से ही हल हुए हैं।”
गौरतलब है कि मंगलवार को बलूचिस्तान में आतंकवादियों ने क्वेटा से पेशावर जा रही एक ट्रेन को हाईजैक कर लिया था, जिसमें 440 यात्री सवार थे। आतंकवादियों ने 21 यात्रियों और चार अर्धसैनिक बल के जवानों की हत्या कर दी थी। इसके बाद बुधवार को सेना ने सभी 33 आतंकियों को मार गिराया।
इमरान खान ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा कि पाकिस्तान की विदेश नीति को जिस तरह से संभाला जा रहा है, वह देश के आंतरिक मामलों की तरह ही बेहद खराब स्थिति में है।
उन्होंने कहा, “हमारी अफगानिस्तान के साथ सीमा बहुत लंबी है और उनके साथ मामलों को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए। जब तक हमारे पड़ोसी देशों के साथ स्वतंत्र और संप्रभु विदेश नीति नहीं अपनाई जाती, तब तक देश में शांति नहीं आ सकती।”
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के 72 वर्षीय संस्थापक ने यह भी कहा कि देश में एक बार फिर आतंकवाद ने अपने पैर पसार लिए हैं।
“हमारे कार्यकाल के दौरान, पाकिस्तान ने सफलतापूर्वक आतंकवाद पर लगाम लगाई थी और देश पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में आगे बढ़ रहा था। ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स (GTI) में हमारी रैंकिंग चार स्थान बेहतर हुई थी। हालांकि, सत्ता परिवर्तन के बाद यह प्रगति रुक गई और दुर्भाग्यवश पाकिस्तान फिर से वैश्विक आतंकवाद इंडेक्स में दूसरा सबसे प्रभावित देश बन गया है,” इमरान खान ने कहा।
गौरतलब है कि इमरान खान अगस्त 2018 से अप्रैल 2022 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे थे।