
representation image sc
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में आठ न्यायिक अधिकारियों को जज के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
मुख्य बातें:
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठक 2 अप्रैल, 2025 को हुई।
बैठक में इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए 8 न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति पर सहमति बनी।
कॉलेजियम के आधिकारिक बयान में कहा गया कि सभी नियुक्तियों को मंजूरी दी गई है।
न्यायिक अधिकारियों के नाम जल्द ही राष्ट्रपति को अनुमोदन के लिए भेजे जाएंगे।
नियुक्ति प्रक्रिया में सरकार और राष्ट्रपति की अंतिम मंजूरी आवश्यक होगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट देश का सबसे बड़ा हाईकोर्ट है, जहां बड़ी संख्या में लंबित मामले हैं।
नए जजों की नियुक्ति से मामलों के निपटारे की गति तेज होगी।
न्यायपालिका में नियुक्तियों को लेकर सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच अक्सर बहस होती रहती है।
कॉलेजियम प्रणाली के तहत, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज नियुक्तियों की सिफारिश करते हैं।
सरकार के पास इन नियुक्तियों को स्वीकार या अस्वीकार करने का अधिकार होता है।
अगर सरकार किसी नाम पर आपत्ति जताती है, तो कॉलेजियम पुनर्विचार कर सकता है।
पिछले कुछ वर्षों में जजों की नियुक्ति को लेकर विवाद होते रहे हैं।
सरकार ने ‘नेशनल ज्यूडिशियल अपॉइंटमेंट्स कमीशन’ (NJAC) का प्रस्ताव दिया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में करीब 160 जजों की स्वीकृत संख्या है, लेकिन कई पद खाली हैं।
नए जजों की नियुक्ति से न्याय प्रणाली को मजबूती मिलेगी।
न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए नए सुधारों की मांग उठती रही है।
यूपी सरकार और केंद्र सरकार भी जजों की नियुक्ति को लेकर कॉलेजियम के संपर्क में हैं।
न्यायिक अधिकारियों के नामों की औपचारिक घोषणा जल्द ही की जा सकती है।
यह नियुक्ति प्रक्रिया देश के न्यायिक तंत्र को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।