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इस घोटाले के सामने आने के बाद, राज्य के सभी जिलों की एसएमसी बजटों की जांच शुरू कर दी गई है।
उन्नाव में हुए इस वित्तीय अनियमितता के मामले में आरोप है कि एसएमसी के फंड का दुरुपयोग किया गया और फर्जी वाउचर के माध्यम से सरकारी धन की हेराफेरी की गई। प्रारंभिक जांच में डीडीओ और दो अन्य अधिकारियों की संलिप्तता पाई गई है, जिनके खिलाफ अब कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इस घोटाले की गंभीरता को देखते हुए, राज्य सरकार ने सभी जिलों के एसएमसी बजटों की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
राज्य शिक्षा विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। अधिकारियों का कहना है कि जो भी इस घोटाले में शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसएमसी स्कूलों के प्रबंधन और विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, और इस तरह के वित्तीय अनियमितताएं शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती हैं। अब सभी की निगाहें इस व्यापक जांच पर टिकी हैं कि कितने और जिलों में इस तरह के घोटाले सामने आते हैं।