bombay highcourt
मुंबई, महाराष्ट्र: बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक 14 साल पुराने सड़क दुर्घटना मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि कानूनी ढांचे में ‘दुर्घटना’ (Accident) की कोई सटीक परिभाषा नहीं दी गई है। यह फैसला एक महिला की मौत से संबंधित है, जिसकी साड़ी 2011 में एक मोटरसाइकिल के पिछले पहिए में फंस गई थी। इस फैसले का बीमा और दुर्घटना से जुड़े मामलों पर दूरगामी असर हो सकता है।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दुर्घटना की व्याख्या को संकीर्ण नहीं किया जा सकता है। यह एक ऐसी घटना है जो अप्रत्याशित रूप से होती है और इसका परिणाम अक्सर अनपेक्षित होता है। इस मामले में, साड़ी का पहिए में फंसना एक अप्रत्याशित और अनचाही घटना थी, जिसने महिला की मौत का कारण बना। इसलिए, इसे ‘दुर्घटना’ की श्रेणी में रखा जाना चाहिए।
इस फैसले से उन लोगों को राहत मिल सकती है, जो इस तरह की अप्रत्याशित घटनाओं के शिकार होते हैं। यह फैसला यह भी दिखाता है कि कानून को समय के साथ विकसित होना चाहिए ताकि वह नए और अप्रत्याशित मामलों को समायोजित कर सके।