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इस गिरफ्तारी से सरकारी कामकाज में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे प्रयासों को बल मिला है।
सीबीआई के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आईआरएस अधिकारी पर फेसलेस असेसमेंट प्रक्रिया में अनियमितताएं बरतने और कुछ खास करदाताओं को फायदा पहुंचाने का आरोप है। उनके साथ एक अन्य व्यक्ति को भी पकड़ा गया है, जो इस कथित साजिश में शामिल था। सीबीआई ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है और उनसे पूछताछ जारी है ताकि इस मामले की पूरी सच्चाई सामने आ सके।
फेसलेस असेसमेंट योजना का मुख्य उद्देश्य आयकर निर्धारण की प्रक्रिया को पारदर्शी और कुशल बनाना है, जिसमें मानवीय हस्तक्षेप को कम किया जाता है। इस योजना के तहत, करदाताओं का मूल्यांकन देश के किसी भी हिस्से में बैठे आयकर अधिकारियों द्वारा किया जाता है, जिससे करदाताओं और अधिकारियों के बीच सीधा संपर्क नहीं होता है। सीबीआई की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि इस महत्वपूर्ण योजना में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।