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कोनसीमा, आंध्र प्रदेश: आंध्र प्रदेश के कोनसीमा क्षेत्र के नारियल किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। यहाँ नारियल के खोलों की मांग में जबरदस्त उछाल आया है, जिससे क्षेत्र में एक नया आर्थिक बूम देखने को मिल रहा है। यह बढ़ती मांग किसानों के लिए आय का एक नया स्रोत बन गई है, जो पहले इन खोलों को अनुपयोगी मानते थे।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि कोनसीमा क्षेत्र में हर साल लगभग 55 करोड़ रुपये मूल्य के नारियल के खोल का उत्पादन होता है। इन खोलों का उपयोग विभिन्न उत्पादों, जैसे कि एक्टिवेटेड कार्बन, कोयला, हस्तशिल्प, बर्तन और सजावटी सामान बनाने में किया जाता है। पहले ये खोल अक्सर बर्बाद हो जाते थे या कम कीमत पर बेचे जाते थे, लेकिन अब इनकी बढ़ती मांग से किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिल रहा है। यह स्थिति न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार कर रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद कर रही है क्योंकि इन जैविक कचरे का अब बेहतर उपयोग हो रहा है।
इस नए रुझान से कोनसीमा क्षेत्र में नारियल आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। छोटे और मध्यम स्तर के उद्यमी इन खोलों का उपयोग कर नए उत्पाद बनाने में रुचि दिखा रहे हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। यह विकास आंध्र प्रदेश के कृषि क्षेत्र में विविधता लाने और किसानों को पारंपरिक फसलों के अलावा अन्य स्रोतों से भी आय अर्जित करने में मदद करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।