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गया, बिहार: गयावाल पंडित, जो बिहार के गया शहर में रहते हैं, सदियों पुरानी वंशावली (genealogy) के अनूठे संरक्षक हैं। ये पंडित पीढ़ियों से अपने यजमानों की वंशावली का रिकॉर्ड रखते आ रहे हैं। यह एक ऐसी परंपरा है जो आधुनिक दुनिया में भी जीवित है, और यह इन परिवारों के इतिहास को संजोकर रखती है।
इन पंडितों के पास भोजपत्रों, ताम्रपत्रों और बही-खातों के रूप में उपलब्ध अभिलेखों के माध्यम से कई पीढ़ियों के पूर्वजों का पता लगाया जा सकता है। जब कोई व्यक्ति अपने पूर्वजों के पिंडदान या श्राद्ध के लिए गया आता है, तो ये पंडित उनके परिवार के रिकॉर्ड को अपडेट करते हैं।
यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत भी है। इन अभिलेखों से सिर्फ नाम नहीं, बल्कि विवाह, जन्म और मृत्यु जैसे महत्वपूर्ण घटनाओं का भी पता चलता है। यह गयावाल पंडितों की एक अनूठी सेवा है जो भारतीय परिवारों की पीढ़ियों को एक-दूसरे से जोड़ती है।