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13 दिसंबर 2023 के बाद नहीं हुआ भुगतान, ग्राम पंचायतों में काम ठप होने की कगार पर
गोरखपुर: जिले की 1273 ग्राम पंचायतों में मनरेगा समेत अन्य योजनाओं के तहत कार्यरत मजदूरों को 50 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान अभी तक नहीं हो सका है। विभागीय जानकारी के अनुसार, अंतिम भुगतान 13 दिसंबर 2023 को किया गया था, जिसके बाद से मजदूरों को एक भी किश्त नहीं मिली है।
इस देरी के कारण ग्राम पंचायतों में चल रहे विकास कार्य प्रभावित हो गए हैं। मजदूरों का कहना है कि लगातार काम करने के बावजूद उन्हें मेहनताना नहीं मिल रहा, जिससे उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। कई स्थानों पर तो मजदूरों ने काम पर जाना ही बंद कर दिया है।
ग्राम प्रधानों और पंचायत सचिवों का भी कहना है कि भुगतान न होने के कारण वे किसी भी योजना को आगे बढ़ाने की स्थिति में नहीं हैं। मनरेगा के अंतर्गत जो भी योजनाएं शुरू की गई थीं, वे अधूरी पड़ी हैं और नई योजनाओं की शुरुआत नहीं हो पा रही है।
बड़ी संख्या में ग्रामीण मजदूरों ने जिला मुख्यालय पर पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई और जल्द से जल्द बकाया भुगतान की मांग की। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि राज्य स्तर से बजट स्वीकृति मिलते ही भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
हालांकि, यह स्थिति सवाल खड़े करती है कि मजदूरों को समय पर भुगतान क्यों नहीं हो रहा और योजना संचालन में इस तरह की बाधाएं बार-बार क्यों सामने आ रही हैं। मनरेगा जैसी योजना, जो ग्रामीण गरीबों के लिए आजीविका का मजबूत आधार है, उसके क्रियान्वयन में इस तरह की लापरवाही से न केवल काम की गति धीमी होती है, बल्कि लोगों का भरोसा भी टूटता है।
अब देखना यह है कि प्रशासन कब तक इस समस्या का समाधान करता है और गरीब मजदूरों को उनका मेहनताना कब तक मिल पाता है।