
Congress leader Jairam Ramesh
रमेश ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए पूछा, “जब सांसदों और विधायकों की सैलरी में महंगाई का ध्यान रखा जाता है, तो किसानों के लिए क्यों नहीं?”
रविवार को राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि जैसे अमेरिका में किसानों को सहायता सीधे दी जाती है, उसी तरह भारत में भी खाद सब्सिडी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “भारत सरकार खाद पर भारी खर्च करती है, लेकिन इसका सीधा लाभ किसान को नहीं मिल पाता।”
धनखड़ ने सुझाव दिया कि अगर यही राशि सीधे किसानों को दी जाए, तो हर किसान परिवार को सालाना कम से कम तीस हजार रुपये मिल सकते हैं। उन्होंने कहा, “अब यह शोध और विचार का विषय है कि सब्सिडी की राशि बिचौलियों के बजाय सीधे किसानों के खातों में दी जाए।” फिलहाल किसान को यह महसूस ही नहीं होता कि उसे कितनी सब्सिडी मिल रही है, उन्होंने जोड़ा।