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चीन ने अमेरिका पर अपने दबाव को और बढ़ाते हुए कई दुर्लभ खनिजों का निर्यात पूरी तरह से रोक दिया है। इस कदम से अमेरिकी प्रौद्योगिकी क्षेत्र में गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं, क्योंकि ये खनिज सेमीकंडक्टर, बैटरियों और अन्य महत्वपूर्ण तकनीकी उत्पादों के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं।
चीन की इस कार्रवाई से न केवल अमेरिकी कंपनियों की सप्लाई चेन प्रभावित हुई है, बल्कि अमेरिकी सरकार पर भी दबाव बढ़ गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, चीन की ओर से यह कदम एक रणनीतिक सख्ती के तौर पर देखा जा रहा है, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव का संकेत है।
इस निर्णय का असर न केवल अमेरिका की तकनीकी विकास प्रक्रिया पर पड़ेगा, बल्कि वैश्विक बाजार में भी खनिजों की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। अमेरिका के लिए यह चुनौती अब इस बात पर निर्भर करेगी कि वह चीन के इस कदम का कैसे जवाब देता है और अपनी आपूर्ति श्रृंखला को किस हद तक diversifying करता है।