Chief Secretary Manoj Pant
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में ‘फर्जी’ मतदाता पंजीकरण को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। चुनाव आयोग (ECI) ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए बंगाल के मुख्य सचिव को दिल्ली तलब किया है। यह कार्रवाई इसलिए की गई है क्योंकि आयोग द्वारा सिफारिश किए जाने के बावजूद, “दागी” अधिकारियों को अभी तक उनके पदों से नहीं हटाया गया है।
5 अगस्त को, चुनाव पैनल ने पांच अधिकारियों को निलंबित करने की सिफारिश की थी। इन अधिकारियों पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 127 मतदाताओं का धोखाधड़ी से पंजीकरण करने का आरोप था। लेकिन, राज्य सरकार ने अभी तक इस सिफारिश पर कार्रवाई नहीं की है, जिससे चुनाव आयोग ने नाराजगी जताई है।
चुनाव आयोग ने इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से लिया है। आयोग का मानना है कि इस तरह की घटनाएं चुनावी प्रक्रिया की शुचिता को प्रभावित करती हैं। मुख्य सचिव को यह बताने के लिए बुलाया गया है कि आयोग की सिफारिशों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। चुनाव आयोग का यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।