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जवान की पहचान मनमोहन मरकाम के रूप में हुई है। उनके सहकर्मियों ने उन्हें आसपास के इलाकों में काफी तलाशा और कैंप के पास रहने वाले लोगों से भी पूछताछ की, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला है।
मनमोहन मरकाम के लापता होने की घटना तीन महीने पहले हुई थी, लेकिन अब तक उनका कोई पता नहीं चल पाया है। उनके साथियों ने कैंप के आसपास के जंगलों और गांवों में उनकी तलाश की, लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। उन्होंने कैंप के अन्य जवानों और अधिकारियों को भी इस बारे में सूचित किया, जिसके बाद विभागीय स्तर पर भी उनकी खोजबीन की गई।
पुलिस में भी मनमोहन मरकाम की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है और वे भी अपने स्तर पर जांच कर रहे हैं। हालांकि, तीन महीने बीत जाने के बाद भी उनका कोई अता-पता नहीं चल सका है, जिससे उनके परिवार और सहकर्मियों में चिंता बढ़ गई है। पुलिस सभी संभावित पहलुओं पर जांच कर रही है कि जवान कैंप से कैसे और किन परिस्थितियों में लापता हुआ।