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ये सभी नक्सली उत्तर बस्तर डिवीजन के रावघाट, परतापुर एरिया कमेटी तथा गढ़चिरौली डिवीजन में सक्रिय थे। इनमें से तीन नक्सलियों के सिर पर आठ-आठ लाख रुपये, एक नक्सली के सिर पर पांच लाख रुपये तथा तीन नक्सलियों के सिर पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।
क्यों किया आत्मसमर्पण?
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इन नक्सलियों ने शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर तथा नक्सलियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर आत्मसमर्पण करने का फैसला किया है।
सरकार का कदम:
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत 25-25 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। उन्हें नियमों के तहत अन्य सुविधाएं भी दी जाएगी।
यह घटना क्यों महत्वपूर्ण है?
यह घटना नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की कार्रवाई की सफलता को दर्शाती है। साथ ही यह उन नक्सलियों के लिए भी एक संदेश है जो हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होना चाहते हैं।