jharkhand high court
फेंसिडिल बरामदगी पर सुस्त जांच प्रशासनिक जवाबदेही पर सवाल खड़ा करती है
रांची : नशे की गिरफ्त में झारखंड की युवा पीढ़ी आ रही है। राज्य में पुलिस कार्रवाई के बावजूद ड्रग्स का जाल लगातार फैल रहा है। हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका ने इस समस्या को फिर से सुर्खियों में ला दिया है।
धनबाद का फेंसिडिल केस सिर्फ एक बरामदगी नहीं बल्कि प्रशासनिक विफलता की कहानी है। CID को जांच सौंपी गई, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ कागजी प्रक्रिया दिखी। जनता अब न्यायपालिका से ठोस कदम की उम्मीद कर रही है।
रांची की सेली ट्रेडर्स फर्म का नाम सामने आने के बावजूद आरोपी खुले घूम रहे हैं। यह स्थिति न्याय और जवाबदेही के मूल सिद्धांतों पर सवाल उठाती है। अगर समय रहते कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो नशे का यह जाल और गहराएगा।
राज्य सरकार को चाहिए कि विशेष टास्क फोर्स बनाकर मामलों की समीक्षा करे। जनता के मौलिक अधिकारों की रक्षा तभी संभव है, जब कानून का पालन दृढ़ता से हो।