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इससे पहले इन छात्रों के परीक्षा फॉर्म खारिज कर दिए गए थे, जिससे उनके भविष्य पर संकट मंडरा रहा था।
अदालत ने जम्मू-कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (जेकेबीओएसई) को आदेश दिया कि वह इन छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दे। अदालत ने कहा कि छात्रों का भविष्य दांव पर लगा है और उन्हें परीक्षा देने का मौका मिलना चाहिए।
इससे पहले, स्कूल प्रशासन ने दावा किया था कि स्कूल के पास सभी आवश्यक दस्तावेज हैं और उसने जेकेबीओएसई से टैगिंग ऑर्डर भी प्राप्त कर लिया है। लेकिन, जेकेबीओएसई ने छात्रों के परीक्षा फॉर्म खारिज कर दिए थे, जिससे स्कूल प्रशासन और छात्रों के अभिभावक काफी परेशान थे।
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है? यह खबर शिक्षा के अधिकार और न्यायपालिका की भूमिका को दर्शाती है। यह दिखाता है कि जब छात्रों के अधिकारों का हनन होता है तो न्यायपालिका उनकी मदद के लिए तैयार रहती है।