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जम्मू में शनिवार को हुए विस्फोट के बाद निवासियों में डर और गुस्सा है। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम के बावजूद, यह घटना बढ़ती असुरक्षा को उजागर करती है। हालांकि शहर में जीवन धीरे-धीरे सामान्य होने की ओर बढ़ रहा है, लेकिन विस्फोट की यादें और भविष्य की आशंकाएं लोगों के दिलों में अभी भी ताजा हैं। कई निवासियों ने बताया कि विस्फोट की आवाजें अभी भी उनके कानों में गूंज रही हैं और वे अपने घरों में भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले जम्मू को सीमा पर होने वाली तनावपूर्ण स्थितियों से दूर एक सुरक्षित ठिकाना माना जाता था, लेकिन शनिवार के विस्फोट ने इस धारणा को तोड़ दिया है। उन्होंने सरकार से क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की मांग की है ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। निवासियों ने यह भी कहा कि संघर्षविराम के बावजूद इस तरह की घटनाएँ शांति प्रयासों पर सवाल उठाती हैं और उन्हें भविष्य को लेकर चिंतित करती हैं।
प्रशासन ने लोगों को शांत रहने और सामान्य जीवन में लौटने की अपील की है। साथ ही, उन्होंने यह भी आश्वासन दिया है कि सुरक्षा एजेंसियां स्थिति पर पूरी तरह से नियंत्रण रखे हुए हैं और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं।