
jaipur
उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच विश्व शांति की प्रार्थना की।
मंदिर प्रशासन के अनुसार, जब इन पर्यटकों ने धार्मिक अनुष्ठान करने की इच्छा जताई, तो इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई। पर्यटकों ने पूरे विधि-विधान के साथ हवन में भाग लिया और भगवान हनुमान के चरणों में जलाभिषेक किया।
पर्यटकों ने मंत्रोच्चारण के साथ पूजा-अर्चना की और विश्व में अमन-चैन की कामना की। उन्होंने हवन के दौरान विशेष रूप से आहुति भी दी, जिसे धार्मिक परंपरा के तहत किया गया।
पर्यटकों के इस धार्मिक आस्था को देखकर स्थानीय लोग भी भावुक हो गए और उनके साथ पूजा में शामिल हुए।
पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र के विशेषज्ञ संजय कौशिक ने बताया कि यह रूसी पर्यटक भारत की संस्कृति और धार्मिक परंपराओं से प्रभावित हैं।
उन्होंने कहा, “रूसी पर्यटक भारतीय संस्कृति और पूजा-पद्धति के महत्व को समझते हैं, इसलिए उन्होंने इस धार्मिक अनुष्ठान को करने की इच्छा जताई थी।”
स्थानीय पुजारी ने बताया कि रूसी पर्यटक भारत की आध्यात्मिक ऊर्जा को महसूस करना चाहते थे और विश्व शांति के लिए प्रार्थना करना उनका मुख्य उद्देश्य था।
जयपुर में इस तरह का आयोजन पहली बार हुआ है जब विदेशी पर्यटकों ने मंदिर में हवन और जलाभिषेक किया।
मंदिर प्रशासन ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे भारत की सांस्कृतिक विरासत को विश्व स्तर पर पहचान मिलेगी।
रूसी पर्यटकों ने मंदिर के दर्शन के बाद जयपुर के अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों का भ्रमण भी किया।
पर्यटकों के इस धार्मिक क्रियाकलाप को देखकर स्थानीय नागरिकों ने इसे सांस्कृतिक एकता का उदाहरण बताया।
इस आयोजन ने जयपुर में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया है और इससे विदेशी पर्यटकों में भारत की संस्कृति के प्रति रुचि बढ़ी है।