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नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि भारत कभी भी ‘बुराई करने वालों’ को पीड़ितों के साथ समान स्तर पर नहीं रखेगा। उनकी यह टिप्पणी पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के बीच हुई चार दिवसीय झड़पों के बाद कई देशों द्वारा भारत और पाकिस्तान को एक ही श्रेणी में रखने की नई दिल्ली में व्याप्त असहजता की पृष्ठभूमि में आई है। जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ऐसी घटनाओं में जवाबदेही और स्पष्टता बनाए रखने का आग्रह किया है।
विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद और प्रायोजित हिंसा के संदर्भ में, हमलावर और पीड़ित के बीच कोई नैतिक समानता नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि भारत उन देशों के दृष्टिकोण को स्वीकार नहीं करेगा जो सीमा पार आतंकवाद को अनदेखा करते हुए दोनों पक्षों को समान रूप से दोषी ठहराने का प्रयास करते हैं। उनकी यह टिप्पणी भारत की उस दृढ़ स्थिति को रेखांकित करती है कि आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है और इसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
जयशंकर के बयान को उन देशों को एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है जो भारत की सुरक्षा चिंताओं को कम आंकते हैं या पाकिस्तान के आतंकवाद प्रायोजन के इतिहास को नजरअंदाज करते हैं। यह भारत की बढ़ती मुखरता और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकताओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पुरजोर तरीके से रखने की इच्छा को दर्शाता है।