
mk stallin
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने इस प्रस्ताव को पेश करते हुए कहा कि “इस देश में जो भी सरकार हो, उसे जाति, भाषा, धर्म, उपासना स्थलों और संस्कृतियों की विविधता में व्याप्त साम्प्रदायिक सौहार्द को ध्यान में रखना चाहिए। यही उसका मार्गदर्शक सिद्धांत होना चाहिए।”
स्टालिन ने आरोप लगाया कि केंद्र की बीजेपी सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा, “नागरिकता संशोधन कानून (CAA) ने मुस्लिम अल्पसंख्यकों और श्रीलंकाई तमिलों के साथ धोखा किया। इसने गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने का प्रयास किया। यह गैर-बीजेपी शासित राज्यों को वित्तीय सहायता न देकर दबाने की कोशिश कर रही है।”
उन्होंने आगे कहा कि “सभी को पता है कि NEET और NEP का समाज के निचले तबके के लोगों पर कितना नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वक्फ संशोधन विधेयक इसी कड़ी में नया कदम है। यह मुस्लिम अल्पसंख्यकों को बुरी तरह प्रभावित करेगा। हमें इसका कड़ा विरोध करना चाहिए।”
स्टालिन ने कहा कि प्रस्तावित संशोधनों से राजनीतिक हस्तक्षेप को बढ़ावा मिलेगा और धार्मिक अधिकारों पर प्रभाव पड़ेगा, जिससे विपक्षी दलों सहित डीएमके ने इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा कि विरोध के चलते ही इस विधेयक के मसौदे को संसदीय समिति के पास भेजा गया है।