
नई दिल्ली। स्विस संगठन IQAir की हाल ही में जारी रिपोर्ट में भारत के लिए एक चिंताजनक तस्वीर सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 भारत के हैं। मेघालय का बर्नीहाट इस सूची में सबसे ऊपर है, जबकि दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी के रूप में दर्ज की गई है।
भारत में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति
रिपोर्ट के अनुसार, बर्नीहाट का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सबसे ज्यादा दर्ज किया गया है, जिससे यह दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। इसके अलावा, दिल्ली, गाजियाबाद, फरीदाबाद, नोएडा, पटना, और लखनऊ जैसे बड़े भारतीय शहर भी इस सूची में शामिल हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि इन शहरों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है। दिल्ली लगातार दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बनी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली का वार्षिक PM2.5 स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक रहा, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा तय सुरक्षित सीमा से 20 गुना अधिक है। प्रदूषण के मुख्य कारणों में वाहन उत्सर्जन, निर्माण कार्य, औद्योगिक उत्सर्जन, और पराली जलाना शामिल हैं।
दुनिया के सबसे स्वच्छ देश
रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 14 सबसे स्वच्छ देशों में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के साथ-साथ फिनलैंड, आइसलैंड, कनाडा, और जापान शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा और न्यूजीलैंड के वेलिंगटन जैसे शहरों की वायु गुणवत्ता सबसे अच्छी दर्ज की गई है। इन देशों में सख्त पर्यावरणीय नीतियां, हरित ऊर्जा का उपयोग, और स्वच्छ परिवहन प्रणाली के कारण हवा की गुणवत्ता बेहतर है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव और समाधान की आवश्यकता
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण सांस की बीमारियां, हृदय रोग, और फेफड़ों के कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार को ठोस नीतियां बनानी होंगी, जैसे कि सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना, स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग बढ़ाना, और पराली जलाने पर सख्त नियंत्रण लगाना। भारत के लिए यह रिपोर्ट एक चेतावनी है कि अगर जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति और खराब हो सकती है।