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गोवा: पश्चिमी घाट, अपनी कठोर चट्टानी संरचनाओं के कारण, किसी भी इंजीनियरिंग परियोजना के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करता है। कोंकण रेलवे के एक अनुभवी इंजीनियर के अनुसार, यहाँ की चट्टानें इतनी सख्त हैं कि इन पर काम करना बेहद मुश्किल है। यह एक ऐसा इलाका है जहाँ हर कदम पर निर्माणकर्ताओं को नई-नई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
इस क्षेत्र में सुरंगें बनाना, पुलों का निर्माण करना और सड़कें बिछाना बहुत मुश्किल है। यहाँ की चट्टानों को तोड़ने और स्थिर करने के लिए विशेष तकनीकों और भारी मशीनरी की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, मानसून के दौरान भारी बारिश और भूस्खलन का खतरा भी निर्माण कार्यों को और भी जोखिम भरा बना देता है।
इंजीनियरों को इन चुनौतियों से निपटने के लिए नई और अभिनव निर्माण पद्धतियों को अपनाना पड़ रहा है। वे आधुनिक प्रौद्योगिकी और उन्नत भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण का उपयोग करके परियोजनाओं को सुरक्षित और समय पर पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। यह एक ऐसा संघर्ष है जहाँ प्रकृति की कठोरता और मानव की दृढ़ता का मेल होता है।