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रोजी-रोटी छिनने का डर
श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर: कश्मीर घाटी में पहली बार मालगाड़ी के पहुंचने से जहां एक ओर व्यापार और विकास की नई उम्मीदें जगी हैं, वहीं दूसरी ओर स्थानीय ट्रक चालकों में अपनी आजीविका को लेकर गहरी चिंता पैदा हो गई है। ट्रक यूनियन से जुड़े ट्रांसपोर्टरों ने आशंका जताई है कि इस नई रेलवे सेवा से उनका रोजगार छिन जाएगा।
ट्रांसपोर्टरों ने अपने भविष्य को लेकर चिंता व्यक्त की है। उनका डर है कि रेलवे की माल ढुलाई सेवा शुरू होने से ट्रकों से माल भेजने का काम कम हो जाएगा, जिससे उनकी आय का स्रोत खत्म हो जाएगा। कश्मीर में हजारों परिवार सीधे तौर पर ट्रक परिवहन व्यवसाय से जुड़े हैं, और यह बदलाव उनके जीवन पर सीधा असर डालेगा। उन्होंने सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने और उनके लिए वैकल्पिक रोजगार के अवसर पैदा करने की मांग की है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह सेवा कश्मीर में सामान की ढुलाई को और अधिक कुशल और सस्ता बनाएगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। उनका कहना है कि यह विकास ट्रक चालकों के लिए भी नए अवसर पैदा करेगा, लेकिन ट्रांसपोर्टर इस बात से सहमत नहीं हैं। यह घटना विकास और रोजगार के बीच के संतुलन को लेकर एक बड़ी बहस का विषय बन गई है।\