
PM Narendra Modi
कोलंबो/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने श्रीलंका दौरे के दौरान ऐतिहासिक और आध्यात्मिक नगरी अनुराधापुरा में स्थित प्रसिद्ध बौद्ध मंदिर का दौरा किया। यह मंदिर श्रीलंका की सबसे प्राचीन बौद्ध स्थलों में से एक है और हजारों वर्षों से बौद्ध आस्था का केंद्र बना हुआ है।
अनुराधापुरा श्रीलंका की पहली राजधानी रही है और यह करीब एक हजार वर्षों तक राजनीतिक, सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों का केंद्र रहा। प्रधानमंत्री मोदी के दौरे का उद्देश्य भारत और श्रीलंका के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक रिश्तों को और प्रगाढ़ करना है।
मंदिर परिसर में पहुंचने पर प्रधानमंत्री का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। उन्होंने पवित्र बोधि वृक्ष के दर्शन किए, जिसके बारे में माना जाता है कि यह उसी वृक्ष की एक शाखा से विकसित हुआ है, जिसके नीचे गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। प्रधानमंत्री ने बौद्ध भिक्षुओं से मुलाकात कर शांति, करुणा और अहिंसा के संदेशों पर चर्चा की।
अपने संक्षिप्त संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत और श्रीलंका के बीच बौद्ध धर्म का एक मजबूत सांस्कृतिक सेतु है। यह यात्रा न केवल हमारे ऐतिहासिक संबंधों को पुनः स्मरण कराती है, बल्कि भविष्य की साझेदारी के लिए भी मार्ग प्रशस्त करती है।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत श्रीलंका में बौद्ध पर्यटन को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण में हरसंभव सहयोग करेगा।
इस दौरे के माध्यम से भारत की ‘नीबरहुड फर्स्ट’ नीति और बौद्ध धर्म के माध्यम से क्षेत्रीय संबंधों को सुदृढ़ करने की रणनीति को मजबूती मिली है। श्रीलंका सरकार ने प्रधानमंत्री के इस दौरे की सराहना की और दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक रिश्तों को और मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत-श्रीलंका सांस्कृतिक सहयोग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है।