
GUJURAT
बनासकांठा: गुजरात के बनासकांठा जिले में पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर 21 हो गई। इस घटना में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनका इलाज अस्पताल में जारी है।
पुलिस ने फैक्ट्री के गोदाम मालिकों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
गुजरात और मध्य प्रदेश सरकार ने पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुर्घटना पर शोक व्यक्त करते हुए अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
जांच में सामने आया है कि फैक्ट्री का स्टोरेज लाइसेंस पहले ही समाप्त हो चुका था और वहां अवैध रूप से पटाखों का निर्माण किया जा रहा था।
घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और दमकल विभाग ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन विस्फोट इतना तेज था कि फैक्ट्री का बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विस्फोट के समय फैक्ट्री में दर्जनों मजदूर काम कर रहे थे, जिनमें से कई अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मलबे में दबे लोगों की तलाश कर रही हैं।
गुजरात के मुख्यमंत्री ने इस हादसे को गंभीर लापरवाही का मामला बताया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए।
विस्फोट की जांच के लिए एक विशेष समिति बनाई गई है, जो यह पता लगाएगी कि क्या फैक्ट्री अवैध रूप से चल रही थी।
पुलिस ने खुलासा किया कि फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जा रहा था, जिससे यह भीषण हादसा हुआ।
स्थानीय लोगों में प्रशासन की लापरवाही को लेकर आक्रोश है और वे इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते सुरक्षा उपाय किए जाते, तो इस हादसे को टाला जा सकता था।
सरकार ने सभी पटाखा फैक्ट्रियों की सुरक्षा जांच का आदेश दिया है, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
पीड़ित परिवारों को गुजरात सरकार की ओर से ₹4 लाख और प्रधानमंत्री राहत कोष से ₹2 लाख देने की घोषणा की गई है।
घायलों के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में विशेष वार्ड बनाए गए हैं और डॉक्टरों की टीम तैनात की गई है।
यह हादसा गुजरात में हुए अब तक के सबसे बड़े औद्योगिक विस्फोटों में से एक माना जा रहा है।