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बांग्लादेश में फिर से शुरू हुए भारत द्वारा वित्त पोषित विकास परियोजनाएं
नई दिल्ली: बांग्लादेश में भारत द्वारा वित्त पोषित विकास परियोजनाओं का फिर से शुरू होना दोनों देशों के संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

यह निर्णय महीनों की अनिश्चितता के बाद आया है, जब अगस्त 2024 में प्रधानमंत्री शेख हसीना सत्ता से हटाई गई थीं।
मुख्य बिंदु:
- भारत द्वारा वित्त पोषित रुकी हुई परियोजनाओं को फिर से शुरू किया गया।
- बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनने के बाद द्विपक्षीय संबंध सामान्य करने की कोशिशें तेज हुईं।
- दोनों देशों के अधिकारियों ने ढाका में दो दिवसीय बैठक की।
- शेख हसीना के हटने के बाद इन परियोजनाओं पर काम ठप हो गया था।
- नौबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की अगुआई में अंतरिम सरकार ने कामकाज संभाला।
- पिछले साल की छात्र क्रांति के बाद हसीना को भारत में शरण लेनी पड़ी।
- बांग्लादेश में हसीना के हटने के बाद चरमपंथी इस्लामी गुटों का प्रभाव बढ़ा।
- भारत ने धार्मिक अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों को लेकर चिंता जताई।
- दिसंबर 2024 में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने ढाका का दौरा किया।
- बांग्लादेश के वित्त सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद ने परियोजनाओं की निरंतरता की पुष्टि की।
- उन्होंने कहा कि भारत की वित्तीय सहायता से चल रही परियोजनाएं बंद नहीं की जाएंगी।
- यूनुस ने भारत-बांग्लादेश संबंधों को बेहद महत्वपूर्ण बताया।
- उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से गहरे संबंध हैं।
- बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी BNP ने समय से पहले चुनाव की मांग की।
- पिछले साल के जन आंदोलन के नेताओं ने नया राजनीतिक दल बनाया।
- भारत ने बांग्लादेश की आर्थिक प्रगति में अहम भूमिका निभाई है।
- परियोजनाओं का पुनः आरंभ बांग्लादेश की नई सरकार की विदेश नीति की परीक्षा होगी।
- भारत-बांग्लादेश सहयोग दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
- दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- यह कदम बांग्लादेश की आर्थिक और सामाजिक विकास को मजबूती देगा।