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लापरवाही का आरोप
रांची, झारखंड: झारखंड में बाघों की मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। तीन वन अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया है, उन पर आरोप है कि वे पांच बाघों की मौत का दो दिनों तक पता लगाने में विफल रहे। यह घटना वन्यजीव संरक्षण के प्रति गंभीरता पर सवाल खड़े करती है और वन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी उंगलियां उठाती है।
इन अधिकारियों पर घोर लापरवाही का आरोप है, क्योंकि उनकी जिम्मेदारी थी कि वे वन क्षेत्र में वन्यजीवों की निगरानी करें और किसी भी असामान्य घटना की तुरंत रिपोर्ट करें। पांच बाघों की मौत का इतने लंबे समय तक पता न चल पाना एक गंभीर सुरक्षा चूक मानी जा रही है। वन विभाग ने इस मामले में आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं ताकि यह पता चल सके कि ऐसी लापरवाही क्यों हुई और भविष्य में ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है।
यह घटना वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों के लिए एक झटका है, खासकर जब बाघों की आबादी को बढ़ाने के लिए देश भर में अभियान चल रहा है। उम्मीद है कि इस कार्रवाई से वन विभाग में जवाबदेही बढ़ेगी और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहतर निगरानी प्रणाली लागू की जाएगी।