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पटना: 22 मार्च को बिहार दिवस के अवसर पर राज्य सरकार ने दो दिनों तक कई कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है।
इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भी 30 मार्च तक 70 स्थानों पर बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है।
इस अभियान को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य बिहार से बाहर रह रहे लगभग 3 करोड़ प्रवासी बिहारी मतदाताओं को लुभाना है।
आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी का यह कार्यक्रम ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत स्नेह मिलन’ के नाम से चलाया जा रहा है।
राज्यभर में इस कार्यक्रम के दौरान कई वरिष्ठ नेता प्रवासी बिहारियों से संवाद करेंगे।
पिछले साल छठ पूजा के दौरान भारतीय रेलवे द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, लगभग 78 लाख प्रवासी बिहार लौटे थे।
वहीं केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, करीब 2.5 करोड़ बिहारवासी देश के अन्य राज्यों में रहकर काम कर रहे हैं।
बीजेपी इस अभियान के तहत दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब, हरियाणा और असम जैसे राज्यों में भी कार्यक्रम आयोजित करेगी।
इन राज्यों में बड़ी संख्या में बिहार के प्रवासी रहते हैं, जो चुनावों में अहम भूमिका निभाते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, प्रवासी बिहारियों को रिझाने का यह अभियान आगामी चुनावों में बड़ा प्रभाव डाल सकता है।
बीजेपी के इस कदम को चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है।
राजनीतिक दलों के बीच प्रवासी बिहारियों को लेकर अब कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है।
इस अभियान में प्रवासी बिहारियों को बीजेपी सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।
इसके अलावा, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।
बिहार दिवस के अवसर पर पटना सहित अन्य प्रमुख शहरों में भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
राज्य सरकार बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए विशेष प्रदर्शनियों का आयोजन करेगी।
बिहार के अलग-अलग हिस्सों में लोग इस दिवस को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।
इस मौके पर बिहार सरकार ने अपने विकास कार्यों को भी जनता के सामने प्रस्तुत करने की योजना बनाई है।