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यह आंकड़ा न केवल मानव जीवन की क्षति को दर्शाता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी एक महत्वपूर्ण बोझ डालता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सड़क दुर्घटनाओं के इस उच्च दर के पीछे कई कारण हैं, जिनमें अपर्याप्त ड्राइवर प्रशिक्षण, खराब सड़क डिजाइन, यातायात नियमों का उल्लंघन और सुरक्षा के प्रति लापरवाही शामिल हैं। युवा आबादी का एक बड़ा हिस्सा सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हो रहा है, जो देश के भविष्य के लिए एक चिंताजनक स्थिति है। इन दुर्घटनाओं के कारण न केवल परिवारों को अपूरणीय क्षति होती है, बल्कि यह कार्यबल और उत्पादकता को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
परिवहन विशेषज्ञों ने सरकार और संबंधित अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे इस समस्या को प्राथमिकता दें और तत्काल सुधारात्मक कदम उठाएं। उन्होंने ड्राइवर प्रशिक्षण कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी बनाने, सड़कों की गुणवत्ता में सुधार करने, यातायात नियमों के सख्त कार्यान्वयन और जनता के बीच सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। एक समग्र दृष्टिकोण अपनाकर ही भारत सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाले इस भारी आर्थिक और मानवीय नुकसान को कम कर सकता है।