
AFSPA
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (AFSPA), 1958 को अगले छह महीनों के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि इन राज्यों में कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया।
केंद्र सरकार का फैसला
गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में स्पष्ट किया कि मणिपुर और नागालैंड के कुछ संवेदनशील इलाकों के साथ-साथ अरुणाचल प्रदेश के कुछ जिलों में AFSPA को अगले छह महीनों के लिए लागू रखा जाएगा। केंद्र सरकार ने यह निर्णय क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया है।
किन-किन क्षेत्रों में लागू रहेगा AFSPA?
मणिपुर: राज्य के अशांत घोषित जिलों में यह अधिनियम लागू रहेगा।
नागालैंड: कुछ संवेदनशील इलाकों में इसे आगे बढ़ाया गया है।
अरुणाचल प्रदेश: तीन जिलों के कुछ हिस्सों में AFSPA लागू रहेगा।
AFSPA क्या है?
AFSPA (Armed Forces Special Powers Act) 1958 में लागू किया गया एक विशेष कानून है, जो सुरक्षाबलों को अशांत क्षेत्रों में विशेष शक्तियां प्रदान करता है। इसके तहत सुरक्षाबलों को बिना वारंट तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और बल प्रयोग करने की अनुमति होती है। हालांकि, इस कानून का कई बार विरोध भी हुआ है।
अशांत क्षेत्र घोषित करने का कारण
गृह मंत्रालय के अनुसार, क्षेत्र में उग्रवादी गतिविधियों, सीमा सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को देखते हुए AFSPA को बढ़ाने का फैसला लिया गया। सरकार का कहना है कि हालात की लगातार समीक्षा की जा रही है और जब भी शांति और स्थिरता बहाल होगी, इस अधिनियम को हटाने पर विचार किया जाएगा।
स्थानीय संगठनों की प्रतिक्रिया
AFSPA को लेकर कई संगठनों और नागरिक समूहों ने विरोध जताया है। वे इसे नागरिक स्वतंत्रता के खिलाफ बताते हैं और इसके दुरुपयोग की आशंका व्यक्त करते हैं।