
Mallikarjun Kharge
कहा- सत्तारूढ़ दल ने विकसित की ऐसी तकनीक जिससे उसे चुनाव में मिलता है फायदा.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी अधिवेशन को संबोधित करते हुए एक बार फिर चुनाव प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर चिंता जताते हुए मतपत्र से चुनाव कराने की वकालत की। खरगे ने कहा कि लोकतंत्र की पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए बैलट पेपर को फिर से लागू किया जाना चाहिए।
खरगे ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल ने ऐसी तकनीक विकसित कर ली है, जिससे वह चुनावों में अपने पक्ष में माहौल बना लेता है। उन्होंने यह भी कहा कि लगातार चुनावों में एक जैसे परिणाम और विपक्षी दलों को कमजोर करने की रणनीति यह दर्शाती है कि निष्पक्ष चुनाव प्रणाली खतरे में है।
उन्होंने कहा कि जब दुनिया के कई विकसित देशों ने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए मतपत्र को दोबारा अपनाया है, तो भारत में भी इस पर पुनर्विचार होना चाहिए। “ईवीएम को लेकर आम जनता के बीच विश्वास की कमी है। जब तक मतदाता खुद अपने वोट की पुष्टि नहीं कर सकता, तब तक चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं मानी जा सकती,” खरगे ने कहा।
खरगे ने चुनाव आयोग से मांग की कि वह इस विषय पर सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक बुलाए और मतपत्र प्रणाली पर फिर से गंभीरता से विचार करे। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष को एकजुट होकर इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाना चाहिए, ताकि चुनाव प्रक्रिया को फिर से लोगों का भरोसा मिल सके।
पार्टी कार्यकर्ताओं से उन्होंने अपील की कि वे बूथ स्तर तक जाकर लोगों को ईवीएम से जुड़ी शंकाओं और मतपत्र के लाभों के बारे में जागरूक करें। खरगे के इस बयान को विपक्षी एकता के प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है, जो 2024 के आम चुनाव से पहले तेज़ी से आकार ले रहा है।