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चेन्नई, तमिलनाडु: मद्रास हाई कोर्ट ने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) द्वारा चलाए जा रहे सदस्यता अभियान में OTP (वन टाइम पासवर्ड) सत्यापन की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने इस दौरान पार्टी से डेटा गोपनीयता और सुरक्षा उपायों को लेकर महत्वपूर्ण सवाल पूछे हैं, जिससे डिजिटल सदस्यता अभियानों की पारदर्शिता पर बहस छिड़ गई है।
मद्रास हाई कोर्ट ने DMK से पूछा है कि उसके सदस्यता अभियान के दौरान एकत्रित किए गए व्यक्तिगत विवरणों को कैसे संभाला जाएगा और उनकी गोपनीयता व सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी। यह सवाल तब उठा जब कुछ याचिकाकर्ताओं ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि व्यक्तिगत डेटा का दुरुपयोग किया जा सकता है। DMK अपने सदस्यता अभियान में डिजिटल माध्यमों का उपयोग कर रही थी, जिसमें सदस्यों के पंजीकरण के लिए OTP सत्यापन एक महत्वपूर्ण चरण था।
कोर्ट ने इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए OTP सत्यापन पर अंतरिम रोक लगा दी है। इस फैसले से DMK को अपने सदस्यता अभियान की प्रक्रिया को संशोधित करना पड़ सकता है। हाई कोर्ट का यह कदम व्यक्तियों के डेटा गोपनीयता अधिकारों की सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करता है, खासकर जब राजनीतिक दल बड़े पैमाने पर व्यक्तिगत जानकारी एकत्र कर रहे हों।