
Asha Gond Skater Girl
भोपाल: मध्य प्रदेश के छोटे से गांव जनवार की रहने वाली आशा गोंड ने स्केटबोर्डिंग के क्षेत्र में इतिहास रच दिया है। आशा भारत की पहली महिला स्केटर बन गई हैं, जिन्होंने वर्ल्ड स्केटबोर्डिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया है। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि से पूरे गांव और राज्य में जश्न का माहौल है। आशा ने अपनी लगन और मेहनत से स्केटबोर्डिंग की दुनिया में एक नई पहचान बनाई है।
आशा का सफर कठिनाइयों से भरा रहा है। जनवार जैसे छोटे से गांव में स्केटबोर्डिंग को एक खेल के रूप में अपनाना आसान नहीं था। साल 2014 में जनवार में ‘रूरल चेंजमेकर्स’ नामक एक संगठन ने स्केट पार्क का निर्माण किया। इसी स्केट पार्क में आशा ने पहली बार स्केटबोर्डिंग करना शुरू किया। शुरुआत में गांव के लोग इसे बच्चों का खेल समझते थे और आशा के स्केटबोर्डिंग करने पर ताने भी कसते थे। लेकिन आशा ने हिम्मत नहीं हारी और पूरे समर्पण के साथ अपने खेल पर ध्यान केंद्रित किया।
आशा ने कहा, “जब मैंने स्केटबोर्डिंग शुरू की तो लोग मुझसे कहते थे कि यह खेल लड़कियों के लिए नहीं है। लेकिन मैंने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया और खुद पर भरोसा रखा। मेरे माता-पिता ने हमेशा मेरा समर्थन किया और मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।”
आशा की इस सफलता की गूंज अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गई है। उनकी प्रेरणादायक कहानी पर नेटफ्लिक्स ने “स्केटर गर्ल” नाम की एक फिल्म भी बनाई है, जिसमें आशा के संघर्ष और सफलता की कहानी को दर्शाया गया है। आशा ने कहा, “यह फिल्म मेरी जिंदगी का एक बड़ा मोड़ थी। इससे न केवल मुझे पहचान मिली, बल्कि कई लड़कियों को भी प्रेरणा मिली है।”
जनवार के लोगों ने आशा की इस सफलता पर गर्व जताया है। गांव के बुजुर्गों ने कहा, “आशा ने हमारे गांव का नाम रोशन किया है। उसकी इस कामयाबी से कई लड़कियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।”
आशा ने कहा कि उनका सपना है कि भारत के हर गांव में स्केट पार्क बने और हर लड़की को अपने सपनों को पूरा करने का अवसर मिले। उन्होंने कहा, “मैं आगे भी स्केटबोर्डिंग में देश का नाम रोशन करने के लिए कड़ी मेहनत करूंगी।”