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मुंबई: महाराष्ट्र में वर्ष 2024 के दौरान कुल 2,706 किसानों ने आत्महत्या कर ली। यह जानकारी राज्य के पुनर्वास मंत्री मकरंद जाधव ने महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र के दौरान दी।
मंत्री ने बताया कि सबसे ज्यादा 1,069 किसानों ने अमरावती जिले में आत्महत्या की। अमरावती जिला पिछले 25 वर्षों से किसान आत्महत्या के लिए बदनाम रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2001 से फरवरी 2025 तक अमरावती डिवीजन में 21,286 किसानों ने आत्महत्या की है।
महाराष्ट्र स्टेट काउंसिल के सचिव अशोक सोनारकर ने कहा कि किसानों की आत्महत्या का इतिहास पुराना है। उन्होंने बताया कि इसे रोकने के लिए सितंबर 1986 में डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन आयोग ने अपनी रिपोर्ट पेश की थी, लेकिन आज तक स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है।
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि आर्थिक संकट, फसल खराब होने, कर्ज का बोझ और सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन न होना किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर कर रहा है।
राज्य सरकार ने किसान आत्महत्याओं को रोकने के लिए विशेष सहायता योजनाएं शुरू करने का आश्वासन दिया है।