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इस अधिनियम के तहत, बीएमसी निजी पानी के टैंकरों, कुओं और बोरवेलों को अपने नियंत्रण में ले सकेगी।
नगर निगम पुलिस और परिवहन आयुक्तालय की सहायता से इन निजी संसाधनों का उपयोग शहर के उन इलाकों में पानी पहुंचाने के लिए करेगा जहां हड़ताल के कारण आपूर्ति बाधित हो गई है। बीएमसी का यह कदम शहर में बढ़ते जल संकट को देखते हुए उठाया गया है, क्योंकि टैंकर चालकों की हड़ताल के कारण कई क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है।
बीएमसी अधिकारियों ने बताया कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत, वे अब निजी टैंकर मालिकों को अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए बाध्य कर सकते हैं। इसके अलावा, जिन निजी संपत्तियों में कुएं या बोरवेल हैं, उन्हें भी अस्थायी रूप से जल आपूर्ति के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
नगर निगम का लक्ष्य है कि इस आपातकालीन उपाय के माध्यम से शहर के सभी नागरिकों तक आवश्यक पानी पहुंचाया जा सके और उन्हें जल संकट का सामना न करना पड़े। बीएमसी ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे पानी का सावधानीपूर्वक उपयोग करें और किसी भी प्रकार की बर्बादी से बचें।
टैंकर चालकों की हड़ताल वेतन वृद्धि और काम करने की बेहतर परिस्थितियों की मांग को लेकर जारी है। बीएमसी प्रशासन हड़ताल को समाप्त करने के लिए टैंकर यूनियनों के साथ बातचीत कर रहा है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है।
इस बीच, शहर के कई हिस्सों में लोगों को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है। अस्पतालों, स्कूलों और अन्य आवश्यक सेवाओं को प्राथमिकता के आधार पर पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।
बीएमसी ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं ताकि नागरिक पानी की आपूर्ति से संबंधित किसी भी समस्या की सूचना दे सकें। नगर निगम का दावा है कि वह स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है और जल्द ही जल आपूर्ति को सामान्य करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।