
Muslim Community
नई दिल्ली: हाल ही में विभिन्न मुस्लिम संगठनों और नेताओं ने सरकार के खिलाफ एकजुट होकर अपनी आवाज उठाई है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के सदर खालिद सईफुल्लाह रहमानी, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी, और यूपी के प्रमुख शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद सहित कई अहम मुस्लिम हस्तियों ने एक बयान जारी कर अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं।
इन नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रताओं और संविधान द्वारा दी गई अधिकारों को सीमित करने की कोशिश कर रही है। खालिद सईफुल्लाह रहमानी ने कहा, “हमारे संविधान में सभी धर्मों को समान अधिकार दिए गए हैं, लेकिन हाल के कदमों से यह प्रतीत होता है कि सरकार मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को कमजोर कर रही है।”
असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना करते हुए कहा, “हम भारतीय मुसलमान अपने धार्मिक अधिकारों को पूरी तरह से निभाने का अधिकार रखते हैं, और हम इसे लेकर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे।” मौलाना कल्बे जवाद ने इस बात पर जोर दिया कि मुस्लिम समाज को हर हाल में अपने अधिकारों की रक्षा करनी होगी और सरकार के निर्णयों के खिलाफ खड़ा होना होगा।
इन नेताओं ने एकजुट होकर मांग की है कि सरकार अपनी नीतियों में सुधार करे और संविधान की आत्मा के अनुसार सभी धर्मों को समान अधिकार मिले। उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम समुदाय का यह अधिकार है कि वह अपने धर्म और संस्कृति के अनुसार अपनी जीवनशैली जी सके।
यह बयान उस समय आया है जब विभिन्न राज्यों में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ किए जा रहे कथित भेदभावपूर्ण फैसलों को लेकर विवाद उठ रहे हैं। इन नेताओं की इस प्रतिक्रिया ने समाज में महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं और यह उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार इस पर पुनर्विचार करेगी।