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यह छापेमारी पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के पूर्व निजी सचिव ओम प्रकाश सिंह के आवास, थर्ड-पार्टी असेसमेंट (टीपीए) एजेंसियों और कई अन्य लोगों के ठिकानों पर की गई है। ओम प्रकाश के आवास पर भारी सुरक्षा व्यवस्था है।
ईडी के अधिकारियों ने ओम प्रकाश, गुप्ता और ‘प्रमुख संदिग्धों’ से जुड़े परिसरों पर सुबह-सुबह छापेमारी की, जिसमें संबंधित फर्मों के सलाहकार और पूर्व अधिकारी शामिल हैं। संघीय जांच एजेंसी के अधिकारियों के साथ केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की एक सुरक्षा टीम भी थी।
ईडी के अधिकारियों ने दस्तावेजों और डिजिटल रिकॉर्ड की जांच की, ताकि आयुष्मान भारत योजना में किसी भी वित्तीय अनियमितता का पता लगाया जा सके। यह छापेमारी योजना के कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद की गई है।
अधिकारियों का कहना है कि वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या योजना के तहत आवंटित धन का दुरुपयोग किया गया है। ईडी इस मामले में गहराई से जांच कर रही है और जल्द ही और भी गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
यह घटना झारखंड में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में वित्तीय पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्व को उजागर करती है।