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तमिलनाडु ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री पर सुप्रीम कोर्ट से कहा
नई दिल्ली: तमिलनाडु सरकार ने राज्यपाल की शक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। राष्ट्रपति संदर्भ की सुनवाई के दौरान, तमिलनाडु सरकार ने कहा कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री ‘एक म्यान में दो तलवारों’ की तरह हैं, जो एक साथ नहीं रह सकते। यह मामला राज्यपाल द्वारा विधेयकों को मंजूरी देने में देरी से जुड़ा है, जिससे राज्य में संवैधानिक संकट पैदा हो रहा है।
मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) ने भी इस मामले में अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राज्यपाल किसी विधेयक को छह महीने तक अपने पास रोककर रखना उचित नहीं है। सीजेआई ने इस बात पर जोर दिया कि राज्यपाल को एक निश्चित समय सीमा के भीतर विधेयकों पर कार्रवाई करनी चाहिए। यह टिप्पणी राज्यों में राज्यपालों की भूमिका पर एक बड़ी बहस को जन्म दे सकती है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला राज्यपालों की शक्तियों की सीमा तय कर सकता है, और यह सुनिश्चित कर सकता है कि राज्य सरकार द्वारा पारित विधेयकों को समय पर मंजूरी मिले। यह संवैधानिक मर्यादाओं को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा।