
representation image
कांचा गाचीबोवली में वन बहाल करें या…: सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार से कहा
सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि कांचा गाचीबोवली में लंबी छुट्टी के दौरान पेड़ों की कटाई प्रथम दृष्टया पूर्व-नियोजित लगती है। न्यायालय ने राज्य सरकार को या तो उसी क्षेत्र में वन को बहाल करने या कहीं और 400 एकड़ भूमि पर ऐसा करने का निर्देश दिया है। यह फैसला जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुयान की पीठ ने कांचा गाचीबोवली में 400 एकड़ भूमि पर तेलंगाना सरकार द्वारा पेड़ों की कटाई के बाद शुरू किए गए स्वतः संज्ञान मामले की सुनवाई करते हुए सुनाया।
पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि पेड़ों की कटाई ऐसे समय में की गई जब अदालत अवकाश पर थी, जिससे यह संदेह पैदा होता है कि यह कार्रवाई जानबूझकर की गई थी ताकि विरोध को कम किया जा सके। न्यायालय ने राज्य सरकार के इस कृत्य पर नाराजगी व्यक्त की और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को वन बहाली के लिए एक विस्तृत योजना प्रस्तुत करने का भी आदेश दिया है।
अदालत ने स्पष्ट किया कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और विकास परियोजनाओं को पर्यावरण संरक्षण के सिद्धांतों के अनुरूप होना चाहिए। इस मामले की अगली सुनवाई पर, न्यायालय तेलंगाना सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा करेगा।