
Saba Rasool
ईरान से निकाले गए कश्मीरी छात्र ने बयां किया मध्य पूर्व में युद्ध का मंजर
श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर: मध्य पूर्व में इजरायल-ईरान संघर्ष के पूर्ण युद्ध में बदलने के बीच, ईरान से सुरक्षित निकाले गए भारतीय छात्रों ने वहाँ की खतरनाक स्थिति का भयावह वर्णन किया है। इनमें से एक कश्मीरी छात्र ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे मिसाइल उनके छात्रावास पर ही गिरी हो, जो क्षेत्र में तनाव की गंभीरता को दर्शाता है। यह स्थिति उन हजारों छात्रों और नागरिकों के लिए चिंताजनक है जो इन देशों में फंसे हुए हैं।
छात्रों ने बताया कि कैसे उन्हें लगातार हवाई हमलों और विस्फोटों की आवाज़ें सुनाई देती थीं, जिससे हर पल डर का माहौल बना रहता था। उन्होंने बताया कि युद्ध की स्थिति बहुत तेज़ी से बदल रही थी और उन्हें किसी भी समय हमले का डर सताता रहता था। भारत सरकार ने समय रहते अपने नागरिकों को निकालने का सराहनीय कार्य किया है, जिससे कई जिंदगियां बचाई जा सकीं। इन छात्रों को सुरक्षित वापस लाने के लिए विशेष उड़ानें संचालित की गईं, और अब वे अपने परिवारों के साथ हैं।
वापस लौटे छात्रों ने सरकार से आग्रह किया है कि मध्य पूर्व में फंसे अन्य भारतीयों को भी जल्द से जल्द निकाला जाए। इस अनुभव ने उन्हें न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी प्रभावित किया है। यह घटना दर्शाती है कि वैश्विक संघर्षों का सीधा असर आम नागरिकों, खासकर छात्रों पर कैसे पड़ता है। यह भारत सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया और अपने नागरिकों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।