
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकसभा सांसद इंजीनियर रशीद की पैरोल याचिका पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जवाब मांगा है। इंजीनियर रशीद ने संसद के चल रहे बजट सत्र में भाग लेने के लिए कस्टडी पैरोल की मांग की है। हाईकोर्ट ने इस मामले में NIA को जल्द से जल्द अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।
इंजीनियर रशीद वर्तमान में NIA की हिरासत में हैं और उन पर आतंकवाद से जुड़े मामलों में जांच चल रही है। उन्होंने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि एक निर्वाचित सांसद के रूप में उनके लिए संसद के महत्वपूर्ण बजट सत्र में भाग लेना संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें संसद में अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की आवाज उठाने का अवसर दिया जाए।
रशीद के वकील ने अदालत में कहा कि लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के तहत एक सांसद को संसद में भाग लेने का अधिकार है। उन्होंने कहा, “यह जनता के अधिकारों से जुड़ा मामला है। यदि एक निर्वाचित प्रतिनिधि को संसद में भाग लेने से रोका जाता है, तो यह संविधान के अनुच्छेद 105 का उल्लंघन होगा।”
हाईकोर्ट ने NIA को इस मामले में 14 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि इस मामले में संसद के विशेषाधिकार और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
इस मामले को लेकर राजनीतिक हलकों में भी हलचल तेज हो गई है। विपक्ष ने सरकार पर लोकतांत्रिक मूल्यों के हनन का आरोप लगाया है। वहीं, सत्ताधारी दल ने कहा है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है और इस मामले में अदालत का फैसला ही अंतिम होगा।
अब सभी की निगाहें NIA के जवाब और हाईकोर्ट के अंतिम फैसले पर टिकी हैं।