
UTTARAKHAND
लेकिन उत्तराखंड वन कर्मियों को अभी भी नहीं मिली सुरक्षा किट
उत्तराखंड में वन अग्नि का मौसम अब लगभग अपने अंत की ओर है, लेकिन एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। राज्य सरकार की कथित उदासीनता के कारण वन कर्मी अभी भी बिना किसी सुरक्षा उपकरण के जंगल की आग का सामना करने को मजबूर हैं। यह स्थिति वन कर्मियों की जान को जोखिम में डाल रही है और उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
वन विभाग के कर्मचारियों को जंगलों में तैनात किया गया है ताकि वे आग पर काबू पा सकें और वन्यजीवों व वन संपदा की रक्षा कर सकें। हालांकि, दुर्भाग्य से, उन्हें बिना किसी व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) जैसे अग्निरोधी कपड़े, दस्ताने, हेलमेट या यहां तक कि पर्याप्त पानी की आपूर्ति के बिना ही आग बुझाने के लिए भेजा जा रहा है। इससे उन्हें जलने, धुएं के कारण सांस लेने में दिक्कत और अन्य गंभीर चोटों का खतरा बना हुआ है।
यह स्थिति तब और भी चिंताजनक हो जाती है जब हम जानते हैं कि उत्तराखंड में हर साल हजारों हेक्टेयर वन भूमि आग की चपेट में आती है। वन कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए। इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो और वन कर्मियों को उनकी जान जोखिम में डाले बिना अपना कर्तव्य निभाने के लिए आवश्यक उपकरण मिल सकें।