
World Happiness Index 2025
वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स 2025 जारी किया गया है, जिसमें फिनलैंड ने लगातार आठवीं बार पहला स्थान हासिल किया है। 147 देशों की इस सूची में भारत 118वें स्थान पर है, जो पिछले वर्ष की तुलना में आठ पायदान का सुधार है; 2024 में भारत 126वें स्थान पर था।
पड़ोसी देशों की रैंकिंग:
नेपाल: 92वां स्थान
पाकिस्तान: 109वां स्थान
श्रीलंका: 133वां स्थान
बांग्लादेश: 134वां स्थान
यह ध्यान देने योग्य है कि नेपाल और पाकिस्तान की रैंकिंग भारत से बेहतर है, जबकि श्रीलंका और बांग्लादेश भारत से पीछे हैं।
शीर्ष 10 खुशहाल देश:
- फिनलैंड
- डेनमार्क
- आइसलैंड
- स्वीडन
- नॉर्वे
- नीदरलैंड्स
- स्विट्जरलैंड
- न्यूजीलैंड
- ऑस्ट्रिया
- ऑस्ट्रेलिया
इनमें से अधिकांश नॉर्डिक देश हैं, जो सामाजिक सुरक्षा, उच्च जीवन स्तर और समावेशी नीतियों के लिए प्रसिद्ध हैं।
सूचकांक निर्धारण के कारक:
वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स में देशों की रैंकिंग कई मानकों पर आधारित होती है, जैसे प्रति व्यक्ति आय, सामाजिक समर्थन, स्वस्थ जीवन प्रत्याशा, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार की धारणा। इन सभी कारकों के आधार पर नागरिकों की समग्र संतुष्टि का मूल्यांकन किया जाता है।
भारत की स्थिति:
हालांकि भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है, लेकिन यह अभी भी नेपाल और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों से पीछे है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में असमानता, सामाजिक समर्थन की कमी, भ्रष्टाचार और उदारता की कमी जैसे मुद्दे हैं, जो उसकी रैंकिंग को प्रभावित करते हैं।
निचले स्थान पर देश:
अफगानिस्तान इस सूची में सबसे निचले स्थान पर है, जो देश में जारी संघर्ष और अस्थिरता को दर्शाता है। इसके अलावा, लेबनान, जिम्बाब्वे और रवांडा जैसे देश भी निचले पायदान पर हैं।
निष्कर्ष:
वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स 2025 में भारत की रैंकिंग में सुधार एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन पड़ोसी देशों से पीछे होना चिंताजनक है। यह आवश्यक है कि भारत सामाजिक समर्थन, भ्रष्टाचार में कमी और समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित करे ताकि नागरिकों की समग्र खुशी और संतुष्टि में वृद्धि हो सके।