
Stock Market
मुंबई : भारतीय शेयर बाजार में आज भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों को बड़ा झटका लगा है। कारोबार के अंत में सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों प्रमुख सूचकांकों में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख और घरेलू कारकों के कारण बाजार पर दबाव बना रहा। विशेषज्ञों ने निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स आज 950 अंकों की भारी गिरावट के साथ 71,350 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 320 अंकों की गिरावट के साथ 21,560 के स्तर पर बंद हुआ। बाजार में गिरावट का प्रमुख कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और विदेशी निवेशकों की बिकवाली बताई जा रही है।
बड़ी कंपनियों के शेयरों पर असर
आज के कारोबार में आईटी, बैंकिंग, ऑटो और मेटल सेक्टर के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई। रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस, टीसीएस, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में 2% से 4% तक की गिरावट रही। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी कमजोरी देखी गई, जिससे निवेशकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा।
विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित बढ़ोतरी की आशंका के कारण निवेशकों का रुख कमजोर रहा। इसके अलावा, घरेलू स्तर पर महंगाई दर में वृद्धि और आर्थिक विकास दर को लेकर चिंता का माहौल भी बाजार पर असर डाल रहा है।
निवेशकों को सलाह
शेयर बाजार के जानकारों ने निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति में निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन नए निवेश को फिलहाल टालना चाहिए। बाजार में अस्थिरता का दौर कुछ समय तक जारी रह सकता है, इसलिए सोच-समझकर निवेश करने की सलाह दी गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में यह गिरावट अस्थायी हो सकती है और लंबी अवधि के निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि निवेशकों को मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों के शेयरों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
भारतीय शेयर बाजार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए अगले कुछ दिनों में भी अस्थिरता बनी रह सकती है। वैश्विक बाजारों की दिशा और आर्थिक आंकड़े बाजार की दिशा तय करेंगे।