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संघर्ष की मिसाल: नागपुर की संगीता पंचभाई बनीं महिला मैकेनिक.

नागपुर: संगीता संजय पंचभाई की जिंदगी संघर्ष और आत्मनिर्भरता की मिसाल है।

बिना किसी औपचारिक प्रशिक्षण के, उन्होंने वाहनों की मरम्मत करना सीखा और आज खुद का गैरेज चला रही हैं।

संगीता पंचभाई नागपुर की पहली महिला मैकेनिकों में से एक हैं।
उनके पति संजय पंचभाई का एक छोटा गैरेज है।
आर्थिक तंगी के कारण संजय ने सड़क किनारे वाहनों की मरम्मत शुरू की।
पति की व्यस्तता के कारण संगीता ने गैरेज संभालने का फैसला किया।
उन्होंने बिना किसी ट्रेनिंग के काम सीखना शुरू किया।
सिर्फ देखकर और अभ्यास करके, वह एक कुशल मैकेनिक बन गईं।
अब वह दोपहिया और चारपहिया वाहनों की मरम्मत खुद करती हैं।
महिलाओं के लिए यह क्षेत्र कठिन माना जाता है, लेकिन उन्होंने इसे गलत साबित किया।
संगीता का कहना है कि आत्मनिर्भरता ही असली ताकत है।
वह अन्य महिलाओं को भी प्रेरित करना चाहती हैं।
समाज की रूढ़ियों को तोड़ते हुए उन्होंने अपनी पहचान बनाई।
गैरेज चलाने के साथ वह घर और बच्चों की जिम्मेदारी भी निभाती हैं।
संगीता को ग्राहकों का भी भरपूर समर्थन मिलता है।
आज उनकी कहानी कई महिलाओं को प्रेरित कर रही है।
संगीता के पास बड़ी संख्या में नियमित ग्राहक हैं।
वह आगे एक बड़ा वर्कशॉप खोलने का सपना देखती हैं।
संगीता मानती हैं कि मेहनत और लगन से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।
उनका संघर्ष महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन गया है।
संगीता का संदेश – ‘हर महिला को आत्मनिर्भर बनना चाहिए।’

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